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साइट का नक्शा

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मुख्य नियंत्रण सुविधा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अंतरिक्ष विभाग

भारत सरकार

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Indian Space Research Organization, Department Of Space

Government Of India

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आउटरीच

आउटरीच कार्यक्रम

Outreach

एम.सी.एफ. सक्रिय रूप से विभिन्न प्रकार के आउटरीच गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, उदाहरण के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के बारे में छात्रों को शिक्षित करना, प्राथमिक स्तर से लेकर स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना,स्कूलों का दौरा करना, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संबंध में विज्ञान से संबंधित परीक्षणों का प्रर्दशन करना, इंटर्नशिप कार्यक्रमों का आयोजन करना, छात्रों के साथ-साथ तकनीकी संकायों आदि के लिए परियोजना तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना।

एम.सी.एफ. वर्ल्ड स्पेस वीक, विक्रम साराभाई शताब्दी कार्यक्रम, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर प्रदर्शनी का आयोजन, तथा कई अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषय में उत्साही लोगों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है

  • आरंभिक चरण ( एल.ई.ओ.पी.)
  • विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी व्याख्यान और प्रशिक्षण
  • वर्ल्ड स्पेस वीक
  • विक्रम साराभाई शताब्दी कार्यक्रम
  • इंटर्नशिप कार्यक्रम
  • परियोजना कार्य
  • रेस्पांड

छात्र आउटरीच कार्यक्रम

एम.सी.एफ द्वारा विभिन्न स्कूलों का दौरा किया जा रहा है तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी , नए रूझानों और अनुप्रयोगों पर व्याख्यान दिया जा रहा है। एम.सी.एफ. द्वारा छात्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में रुचि जगाने के लिए विभिन्न मॉडलों का भी प्रदर्शन किया जाता है।

विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी संबंधी व्याख्यान तथा प्रशिक्षण

एम.सी.एफ द्वारा संचार संबंधी विषयों सहित वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा , जोकि प्रणाली विशेषज्ञ हैं, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में विभिन्न शैक्षिक संकायों तथा छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है।

वर्ल्ड स्पेस वीक

प्रतिवर्ष 4 से लेकर 10 अक्तूबर के बीच वर्ल्ड स्पेस वीक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र आम सभा द्वारा निर्णय लिए गए विषय का चयन किया जाता है। एम.सी.एफ. द्वारा हासन और भोपाल में वर्ल्ड स्पेस वीक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का संदेश फैले और हासन जिले एवं आस-पास के क्षेत्रों में छात्र समुदाय को इसका पता चले। स्कूल, कॉलेज तथा अंतरिक्ष विषय में उत्साही लोगों के लिए प्रतियोगिताओं , व्याख्यानों और टॉक – शो की भी व्यवस्था की जाती है।

विक्रम साराभाई शताब्दी कार्यक्रम

छात्र समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कई व्याख्यानों तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी प्रदर्शनियों का संचालन किया गया। सैक के सहयोग से विभिन्न स्कूलों में म्यूज़ियम आन व्हील्स् की व्यवस्था की गई थी। छात्रों के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विषय में उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

रेस्पांड

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्वारा एक ऐसे कार्यक्रम को विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से भारत में शिक्षा जगत को अंतरिक्ष अनुप्रयोग से संबंधित अनुसंधान तथा विकासात्मक गतिविधियों के संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान का जाती है। इसरो द्वारा प्रायोजित इस अनुसंधान कार्यक्रम को रेस्पांड कहा जाता है।

प्रासंगिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं संबंधित भू- अनुप्रयोगों तथा इसरो की सहायता के लिए इन अनुसंधान एवं विकास क्रियाकलापों से प्राप्त उपयोगी परिणामों को पूरा करने के लिए देश में शैक्षिक संस्थानों के साथ मज़बूत संबंध स्थापित करना इस रेस्पांड कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य है। रेस्पांड कार्यक्रम का लक्ष्य अंतरिक्ष कार्यक्रम में सहायता प्रदान करने के लिए शैक्षिक आधार को बढ़ाना, मानव संसाधन तथा शैक्षिक संस्थाओं में अवसंरचना को तैयार करना है। रेस्पांड की प्रमुख गतिविधियों में विश्वविद्यालयों/ संस्थानों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी , अंतरिक्ष विज्ञान और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में व्यापक विषयों पर अनुसंधान परियोजनाओं में सहायता प्रदान करना है। इसके साथ-साथ, सम्मेलनों, कार्यशालाओं तथा प्रकाशनों , जोकि अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रासंगिक क्षेत्र है, को भी सहायता प्रदान करना है।

आउटरीच संपर्क

श्री एस के खुबा
समूह प्रधान, पीपीईजी
मुख्य नियंत्रण सुविधा
सालगामे रोड
हासन-कर्नाटक, 473201
फोन नंबर
+91-8172-273563
ईमेल
[email protected]