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साइट का नक्शा

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मुख्य नियंत्रण सुविधा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अंतरिक्ष विभाग

भारत सरकार

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Indian Space Research Organization, Department Of Space

Government Of India

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नौसंचालन उपग्रह

उपग्रह आधारित नौसंचालन प्रणाली, पूरे विश्व में प्रयोक्ताओं को स्थितीकरण, नौसंचालन तथा कालन (पी.एन.टी) सेवाएँ उपलब्ध कराने में अग्रणी के रूप में उभर कर आयी है। भारत ने अपने दो मुख्य परियोजनाएँ अर्थात् गगन (जी.पी.एस आधारित भू संवर्धित नौसंचालन) व आई.आर.एन.एस.एस (भारतीय क्षेत्रीय नौसंचालन उपग्रह प्रणाली) के साथ, उपग्रह नौसंचालन के क्षेत्र में प्रवेश किया है। गगन इसरो तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (ए.ए.आई) के सहभागित्व में नागरिक वैमानिकी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु जी.पी.एस विकासित, एक अंतरिक्ष आधारित संवर्धन है। आई.आर.एन.एस.एस, भारतीय क्षेत्र में प्रयोक्ताओं को पी.एन.टी सेवाओं को उपलब्ध कराते हुए भारत के स्वदेशी क्षेत्रीय नौसंचालन प्रणाली के विकास के लिए इसरो की गौरवपूर्ण पहल है।

गगन – जी.पी.एस आधारित जियो समर्थित नौसंचालन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारतीय वांतरिक्ष के लिए एक उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली के रूप में गगन परियोजना को कार्यान्वित कर रहे हैं। गगन का मुख्य उद्देश्य जीवन – सुरक्षा प्रयोगों के लिए एक प्रमाणयोग्य उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली को स्थापित करना है। गगन का कार्यात्मक निष्पादन तथा प्रचालनात्मक आवश्यकताएँ, अंतर्राष्ट्रीय मानकों में उल्लिखित विनिर्दिष्टताओं के अधीन है। प्रणाली में अन्य अंतर्राष्ट्रीय एस.बी.ए.एस प्रणालियाँ जैसे यू.एस – डब्ल्यू.ए.ए.एस, यूरोपियन- ई.जी.एन.ओ.एस तथा जापानी- एम.एस.ए.एस आदि के साथ अंतर – प्रचालनात्मकता होगी।

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आई.आर.एन.एस.एस – भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली

भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस) परियोजना की परिकल्पना जी.ई.ओ. तथा जी.एस.ओ. अंतरिक्षयानों के संयोजन तथा अत्याधुनिक भू-प्रणालियों का प्रयोग करते हुए प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली की स्थापना करने के लिए की गई है। यह आई.आर.एन.एस.एस. प्रणाली भारत में किसी भी स्थान तथा भारत के आस-पास लगभग 1500 कि.मी. तक फैले किसी भी क्षेत्र में सभी मौसमों के दौरान हर समय 20 मी से बेहतर अवस्थिति परिशुद्धता के साथ नौवहन संबंधी समाधान प्रदान करता है। आई.आर.एन.एस.एस. एल-5 तथा एस बैंड में द्वि - आवृत्तियों पर प्रयोक्ताओं को मानक अवस्थिति सेवा (एस.पी.एस) तथा प्रतिबंधित सेवा (आर.एस) सेवा प्रदान करता है।

आई.आर.एन.एस.एस के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें

आई.आर.एन.एस.एस उपग्रह

आईआरएनएसएस-1आई

आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. आई.आर.एन.एस.एस. अंतरिक्ष खंड में शामिल होने वाला आठवाँ नौवहन उपग्रह है। इसके पुर्वगामी उपग्रहों आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी., 1सी, 1डी, 1ई, 1एफ, और 1जी को पी.एस.एल.वी.-सी 22, पी.एस.एल.वी.-सी 24, पी.एस.एल.वी.-सी 26, पी.एस.एल.वी.-सी 27, पी.एस.एल.वी.-सी 31, पी.एस.एल.वी.-सी 32, एवं पी.एस.एल.वी.-सी 33 द्वारा क्रमश:, जुलाई, 2013, अप्रैल 2014, अक्‍तूबर 2014, मार्च 2015, जनवरी 2016, मार्च 2016, एवं अप्रैल 2016, में प्रमोचित किया गया था। अन्‍य सभी आई.आर.एन.एस.एस. उपग्रहों की तरह ही आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. का भी उत्‍थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. का संरूपण आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी., 1सी, 1डी, 1ई, 1एफ, और 1जी के समान है।
नीतभार: अपने अन्‍य पुर्वगामी आई.आर.एन.एस.एस. की तरह, आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. भी दो प्रकार के नीतभार - नौवहन एवं परासन, का वहन करता है । आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. का नौवहन नीतभार स्‍थान, वेग एवं समय निर्धारित करने हेतु सिगनल भेजता है। यह नीतभार एल5-बैंड तथा एस-बैंड में प्रचालन करता है। रुबीडियम परमाणु घडि़याँ इस उपग्रह के नौवहन नीतभार के भाग हैं। आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. के परासन नीतभार में सी-बैंड प्रेषानुकर है, जो उपग्रह की परिशुद्ध रेंज निर्धारित करने में सहायक है। यह लेजर परासन हेतु कोण घनाभ रेट्रो परावर्तकों (कॉर्नर कोन क्‍यूब रेट्रो रिफ्लेक्‍टर) का वहन भी करता है।
आई.आर.एन.एस.एस.-1आई. का गुरुवार 12 अप्रैल, 2018 को 04:04 बजे(भा.मा.स.) तड़के एस.डी.एस.सी. शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचन किया गया।

आईआरएनएसएस-1आई

आईआरएनएसएस-1आई

आईआरएनएसएस-1एच

आईआरएनएसएस -1 एच को पीएसएलवी-सी 39 द्वारा उप भू-तुल्यकाली स्थानांतरण कक्षा (उप-जीटीओ) में 284 किमी उपभू और 20,650 किमी अपभू के साथ 19.2 डिग्री के भूमध्य रेखा के संबंध में झुकाव के साथ प्रमोचन करने की योजना बनाई गई थी।
हालांकि, आईआरएनएसएस -1 एच उपग्रह को कक्षा में नहीं रखा जा सका क्योंकि मिशन असफल रहा था।

आईआरएनएसएस-1एच

आईआरएनएसएस-1एच

आईआरएनएसएस-1जी

आई.आर.एन.एस. अंतरिक्ष खंड को निरूपित करते सात उपग्रहों का सातवाँ उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.-1जी है। इसके पुरोगामी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी, 1ई तथा 1एफ को पी.एस.एल.वी.-सी22, पी.एस.एल.वी.-सी24, पी.एस.एल.वी.-सी26, पी.एस.एल.वी.-सी27, पी.एस.एल.वी.-सी31, एवं पी.एस.एल.वी.-सी32, द्वारा क्रमश: जुलाई 2013, अप्रैल 2014, अक्‍तूबर 2014, मार्च 2015, जनवरी 2016 एवं मार्च 2016 में प्रमोचित किया गया था। अन्‍य सभी आई.आर.एन.एस.एस. उपग्रहों के समान ही आई.आर.एन.एस.एस.-1जी का भी उत्‍थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1जी का संरूपण भी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी, 1ई एवं 1एफ जैसा ही है।
नीतभार: अपने अन्‍य आई.आर.एन.एस.एस. पुरोगामी के समान, दो प्रकार के नीतभारों का वहन करता है- नौवहन नीतभार तथा रेंजिंग (परासन) नीतभार। आई.आर.एन.एस.एस.-1जी का नौवहन नीतभार प्रयोक्‍ताओं को नौवहन सेवा संकेत संप्रेषित करेगा। यह नीतभार एल5-बैण्‍ड तथा एस-बैण्‍ड में प्रचालन करेंगे। अत्‍यंत परिशुद्ध रुबीडियम परमाणु घड़ी इस उपग्रह के नौवहन नीतभार का हिस्‍सा है। आई.आर.एन.एस.एस.-1जी के रेंजिंग (परासन) नीतभार में सी-बैण्‍ड प्रेषानुकर है, जो उपग्रह की सही रेंज का निर्धारित करने में सहायक है।
आई.आर.एन.एस.एस.-1जी को पी.एस.एल.वी.-सी33 द्वारा उप भू तुल्‍यकाली अंतरण कक्षा (उप जी.टी.ओ.) में 28 अप्रैल, 2016 को 12:50 बजे (भा.मा.स.) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचित किया गया था।

आईआरएनएसएस-1जी

आईआरएनएसएस-1जी

आईआरएनएसएस-1एफ

आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ, अंतरिक्ष खंड गठित करती भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.) के सात उपग्रहों में से छठा उपग्रह है। इसके पूर्वगामी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी एवं 1ई को क्रमश: पी.एस.एल.वी.-सी22, पी.एस.एल.वी.-सी24, पी.एस.एल.वी.-सी26, पी.एस.एल.वी.-सी27 एवं पी.एस.एल.वी.-सी31 द्वारा जुलाई 2013, अप्रैल 2014, अक्‍तूबर 2014, मार्च 2015 तथा जनवरी 2016 में सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था। पाँचों उपग्रह अपने-अपने निर्धारित कक्षीय स्‍थान से संतोषजनक कार्य कर रहे हैं। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ का उत्‍थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ का संरूपण आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी तथा 1ई के समान है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ के दो सौर व्‍यूह जो परा त्रिसंधि सौर सेलों से युक्‍त हैं, लगभग 1660 वाट की विद्युत शक्ति उत्‍पादित करते हैं। सूर्य व तारा संवेदक तथा जाइरोस्‍कोप उपग्रह के लिए अभिविन्‍यास संदर्भ प्रदान करते हैं। परमाणु घड़ी जैसे कुछ क्रांतिक घटकों के लिए विशेष तापीय नियंत्रण स्‍कीमें डिजाइन व क्रियान्वित की गई हैं। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ की अभिवृत्ति एवं कक्षा नियंत्रण प्रणाली (ए.ओ.सी.एस.) प्रतिक्रिया चक्रों, चुंबकीय आघूर्णों तथा प्रणोदकों की सहायता से उपग्रह का अभिविन्‍यास बनाये रखती है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ दो प्रकार के नीतभारों - नौवहन नीतभार एवं परासन नीतभार का वहन करता है। आई.आर.एन.एस.एस-1एफ का नौवहन नीतभार नौवहनीय सेवा संकेत प्रयोक्‍ताओं को संप्रेषित करेगा। यह नीतभार एल.5 एवं एस बैण्‍ड में प्रचालन करेगा। एक अत्‍यंत परिशुद्ध रुबीडियम परमाणु घड़ी इस उपग्रह के नौवहन नीतभार का हिस्‍सा है। परासन नीतभार सी-बैण्‍ड प्रेषानुकर से युक्‍त है, जो उपग्रह की रेंज का सही निर्धारण करने में सहायक होता है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ को पी.एस.एल.वी.-सी32 द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा से 10 मार्च, 2016 को 16:01 बजे (भा.मा.स.) उप-भूतुल्‍यकाली अंतरण कक्षा (उप जी.टी.ओ.) में प्रमोचित किया गया।

आईआरएनएसएस-1एफ

आईआरएनएसएस-1एफ

आईआरएनएसएस-1ई

आई.आर.एन.एस. अंतरिक्ष खंड को निरूपित करते सात उपग्रहों का पाँचवाँ उपग्रह है आई.आर.एन.एस.एस.-1ई। इसके पुरोगामी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी एवं 1डी को पी.एस.एल.वी.-सी22, पी.एस.एल.वी.-सी24, पी.एस.एल.वी.-सी26 एवं पी.एस.एल.वी.-सी27 द्वारा क्रमश: जुलाई 2013, अप्रैल 2014, अक्‍तूबर 2014 एवं मार्च 2015 में प्रमोचित किया गया था। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का उत्‍थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का संरूपण भी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी एवं 1डी जैसा ही है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई दो प्रकार के नीतभार का वहन करता है - नौवहन नीतभार तथा रेंजिंग (परासन) नीतभार। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का नौवहन नीतभार प्रयोक्‍ताओं को नौवहन सेवा संकेत संप्रेषित करेगा। यह नीतभार एल5-बैण्‍ड तथा एस-बैण्‍ड में प्रचालन करेंगे। अत्‍यंत परिशुद्ध रुबीडियम परमाणु घड़ी इस उपग्रह के नौवहन नीतभार का हिस्‍सा है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई के रेंजिंग (परासन) नीतभार में सी-बैण्‍ड प्रेषानुकर है, जो उपग्रह की सही रेंज को निर्धारित करने में सहायक है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई लेसर रेंजिंग के लिए कॉर्नर क्‍यूब रेट्रो परावर्तक का वहन करता है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई को पी.एस.एल.वी.-सी31 द्वारा 20 जनवरी, 2016 को 09:31 बजे (भा.मा.स.) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचित किया गया था।

आईआरएनएसएस-1ई

आईआरएनएसएस-1ई

आईआरएनएसएस-1डी

आईआरएनएसएस-1डी, आईआरएनएसएस के अंतरिक्ष घटक के 7 उपग्रहों के समूह में चौथा दिशानिर्देशन उपग्रह है। इसके पूर्ववर्ती आईआरएनएसएस-1ए, 1बी तथा 1सी को क्रमशः पीएसएलवी-सी22, पीएसएलवी-सी24 तथा पीएसएलवी-सी26 द्वारा जुलाई 2013, अप्रैल 2014 तथा अक्तूबर 2014 में प्रमोचित किया गया था। आईआरएनएसएस-1डी का उत्थापन नीतभार 1425 कि.ग्रा है।आईआरएनएसएस-1डी को भी आईआरएनएसएस-1ए, 1बी तथा 1सी की भांति ही संरूपित किया गया है। इस उपग्रह को अपने पूर्ववर्ती के प्रमोचन के बाद चार माह से भी कम समय में उपलब्ध कराया गया। आईआरएनएसएस-1डी के अल्ट्रा ट्रिपल संक्शन सौर सैल द्वारा बने दो सैर पैनल लगबग 1660 वाट विद्युत शक्ति का उत्पादन करते हैं। सूर्य व तारा संवेदक के अलावा जायरोस्कोप उपग्रह को अभिविन्यास (ओरियंटेशन) संदर्भ उपलब्ध कराते हैं। परमाणु घड़ी जैसे कुछ महत्वपूर्ण अवयवों के वास्ते विशेष ताप नियंत्रण स्कीम अभिकल्पित की गई है। आईआरएनएसएस-1डी का अभिवृति (एटिट्यूड) तथा कक्षा नियंत्रण तंत्र प्रतिक्रिया पहियों, चुम्‍बकीय टर्कित्रों, तथा प्रणोदकों की सहायता से उपग्रह के अभिविन्यास (ओरियंटेशन) को कायम रखता है। इसके प्रणोदक तंत्र में तरल अपोजी मोटर तथा प्रणोदक शामिल हैं।

आईआरएनएसएस-1डी

आईआरएनएसएस-1डी

आईआरएनएसएस-1सी

आईआरएनएसएस-1सी, आईआरएनएसएस के अंतरिक्ष घटक के 7 उपग्रहों के समूह में तीसरा समर्पित उपग्रह है। इसके पूर्ववर्ती आईआरएनएसएस-1ए तथा आईआरएनएसएस-1बी को क्रमशः पीएसएलवी-सी22 तथा पीएसएलवी-सी24 द्वारा जुलाई 2013 तथा अप्रैल 2014 में प्रमोचित किया गया था। आईआरएनएसएस-1सी को भी आईआरएनएसएस-1ए तथा आईआरएनएसएस-1बी की भांति ही संरूपित किया गया है। इस उपग्रह को अपने पूर्ववर्ती के प्रमोचन के बाद छै माह से भी कम समय में उपलब्ध कराया गया।
नीतभार - आईआरएनएसएस-1बी में दो प्रकार के नीतभार लगे हैं । इनमें पहला नीतभार दिशानिर्देशन के लिए तथा दूसरा परासन (रेंजिंग) के लिए है। आईआरएनएसएस-1बी का दिशानिर्देशन नीतभार प्रयोक्‍ताओं को दिशानिर्देशन सेवा संकेत प्रसारित करेगा। यह नीतभार एल-5 बैंड (1176.45 मेगाहर्टज़) तथा एस बैंड (2492.028 मेगाहर्टज़) पर प्रचलित होगा। उपग्रह के दिशानिर्देशन नीतभार में एक अत्‍याधिक परिशुद्ध रुबिडियम परमाणु घड़ी लगाई गई है। आईआरएनएसएस-1बी के परासन नीतभार में एक सी- बैंड प्रेषानुकर लगाया गया हे। जो उपग्रह परास के परिशुद्ध निर्धारण में सहायक है। लेज़र परासन के लिए आईआरएनएसएस-1बी में कोना घन पश्‍च परावर्तक (कॉर्नर क्‍यूब रेट्रो रिफ्लेक्‍टर) भी लगाए गए हैं।

आईआरएनएसएस-1सी

आईआरएनएसएस-1सी

आईआरएनएसएस-1बी

आईआरएनएसएस-1बी भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह तंत्र (आईआरएनएसएस) का दूसरा समर्पित उपग्रह है। यह आईआरएनएसएस के अंतरिक्ष घटक में 7 उपग्रहों के समूह में शामिल एक उपग्रह है। इसका पूर्ववर्ती आईआरएनएसएस-1ए, पीएसएलवी-सी22 द्वारा जुलाई 2013 में प्रमोचित किया गया था। आईआरएनएसएस-1बी को भी आईआरएनएसएस-1ए की भांति संरूपित किया गया है। इस उपग्रह को अपने पूर्ववर्ती के प्रमोचन के बाद सात माह से भी कम समय में उपलब्ध कराया गया।
नीतभार - आईआरएनएसएस-1बी में दो प्रकार के नीतभार लगे हैं । इनमें पहला नीतभार दिशानिर्देशन के लिए तथा दूसरा परासन (रेंजिंग) के लिए है। आईआरएनएसएस-1बी का दिशानिर्देशन नीतभार प्रयोक्‍ताओं को दिशानिर्देशन सेवा संकेत प्रसारित करेगा। यह नीतभार एल-5 बैंड (1176.45 मेगाहर्टज़) तथा एस बैंड (2492.028 मेगाहर्टज़) पर प्रचलित होगा। उपग्रह के दिशानिर्देशन नीतभार में एक अत्‍याधिक परिशुद्ध रुबिडियम परमाणु घड़ी लगाई गई है। आईआरएनएसएस-1बी के परासन नीतभार में एक सी- बैंड प्रेषानुकर लगाया गया हे। जो उपग्रह परास के परिशुद्ध निर्धारण में सहायक है। लेज़र परासन के लिए आईआरएनएसएस-1बी में कोना घन पश्‍च परावर्तक (कॉर्नर क्‍यूब रेट्रो रिफ्लेक्‍टर) भी लगाए गए हैं।

आईआरएनएसएस-1बी

आईआरएनएसएस-1बी

आईआरएनएसएस-1ए

आईआरएनएसएस-1ए भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह तंत्र (आईआरएनएसएस) का पहला उपग्रह है। यह आईआरएनएसएस के अंतरिक्ष घटक में 7 उपग्रहों के समूह में पहला उपग्रह है।
नीतभार - आईआरएनएसएस-1ए में दो प्रकार के नीतभार लगे हैं । इनमें पहला नीतभार दिशानिर्देशन के लिए तथा दूसरा परासन (रेंजिंग) के लिए है। आईआरएनएसएस-1ए का दिशानिर्देशन नीतभार प्रयोक्‍ताओं को दिशानिर्देशन सेवा संकेत प्रसारित करेगा। यह नीतभार एल-5 बैंड (1176.45 मेगाहर्टज़) तथा एस बैंड (2492.028 मेगाहर्टज़) पर प्रचलित होगा। उपग्रह के दिशानिर्देशन नीतभार में एक अत्‍याधिक परिशुद्ध रुबिडियम परमाणु घड़ी लगाई गई है। आईआरएनएसएस-1ए के परासन नीतभार में एक सी- बैंड प्रेषानुकर लगाया गया हे। जो उपग्रह परास के परिशुद्ध निर्धारण में सहायक है। लेज़र परासन के लिए आईआरएनएसएस-1ए में कोना घन पश्‍च परावर्तक (कॉर्नर क्‍यूब रेट्रो रिफ्लेक्‍टर) भी लगाए गए हैं।

आईआरएनएसएस-1ए

आईआरएनएसएस-1ए